भारतीय रुपया बनाम अमेरिकी डॉलर: गिरावट के कारण और आर्थिक प्रभाव
भारतीय रुपया बनाम अमेरिकी डॉलर: गिरावट के कारण, सरकारी रुख और आलोचनाएँ
(4 फरवरी 2025)
परिचय
पिछले कुछ महीनों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की गिरावट चर्चा का केंद्र बनी हुई है। 13 जनवरी 2025 को रुपया 86.31 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुँच गया, जो आर्थिक नीतियों और वैश्विक बाजार की चुनौतियों पर सवाल खड़े करता है। यह लेख रुपये की गिरावट के प्रमुख कारणों, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के विचारों, विपक्ष की आलोचनाओं और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालता है।
1. रुपया गिर क्यों रहा है? प्रमुख कारणों की पड़ताल
Q1. डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
- डॉलर की वैश्विक मजबूती: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती में कमी के संकेत और डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की नीतियों ने डॉलर को मजबूती दी है।
- व्यापार घाटे में वृद्धि: भारत का व्यापार घाटा Q2 FY25 में $75.3 बिलियन तक पहुँच गया, जो आयात (कच्चा तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोना) की बढ़ती लागत और निर्यात प्रतिस्पर्धा में कमी का परिणाम है।
- विदेशी पूंजी की निकासी: FY25 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से लगभग $14 बिलियल की निकासी की, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ा।
- कच्चे तेल की कीमतें: ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव और भारत की तेल आयात पर निर्भरता ने आयात बिल को बढ़ाया।
Q2. क्या वैश्विक कारक भी जिम्मेदार हैं?
हाँ। यूक्रेन-रूस युद्ध, मध्य पूर्व में तनाव और अमेरिकी चुनावों की अनिश्चितता जैसे कारकों ने डॉलर को "सुरक्षित पनाहगाह" बना दिया, जिससे एशियाई मुद्राएँ प्रभावित हुईं।
2. सरकार का रुख: निर्मला सीतारमण की प्रतिक्रिया
Q3. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रुपये की गिरावट को कैसे देखती हैं?
- बाजार-आधारित विनिमय दर: सीतारमण का कहना है कि रुपये का मूल्य बाजार द्वारा निर्धारित होता है और इसका कोई लक्ष्य स्तर नहीं है। उनके अनुसार, यह प्रणाली पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।
- डॉलर की तुलनात्मक मजबूती: उन्होंने जोर देकर कहा कि रुपया केवल डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है, जबकि ब्रिटिश पाउंड, यूरो और जापानी येन जैसी मुद्राओं के मुकाबले स्थिर रहा है।
- आर्थिक बुनियाद पर विश्वास: सीतारमण ने कहा कि भारत की मैक्रोइकॉनॉमिक नींव मजबूत है, जो रुपये को अन्य मुद्राओं की तुलना में कम अस्थिर बनाती है।
Q4. आरबीआई की भूमिका क्या है?
- विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन: RBI ने FY25 में $77 बिलियन खर्च करके रुपये को तेज गिरावट से बचाया, हालाँकि इससे विदेशी मुद्रा भंडार $629.55 बिलियन तक घट गया।
- हस्तक्षेप की रणनीति: RBI अत्यधिक अस्थिरता रोकने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करता है, लेकिन धीरे-धीरे गिरावट को स्वीकार करता है ताकि निर्यात प्रतिस्पर्धा बनी रहे।
3. विपक्ष की आलोचनाएँ: क्या कहता है आलोचक वर्ग?
Q5. विपक्ष रुपये की गिरावट के लिए सरकार को क्यों दोषी ठहराता है?
- नीतिगत असंतुलन: विपक्ष का मानना है कि "मेक इन इंडिया" जैसे अभियानों के बावजूद, आयात पर निर्भरता कम नहीं हुई, जिससे व्यापार घाटा बढ़ा।
- राजकोषीय घाटे का दबाव: सरकारी खर्च और कर्ज में वृद्धि से अर्थव्यवस्था पर दबाव बना, जिसका असर रुपये पर पड़ा।
- विदेशी निवेश में कमी: नीतिगत अनिश्चितता और कर ढाँचे की जटिलता के कारण विदेशी निवेशक भारत से दूर हुए।
Q6. क्या महंगाई और रोजगार संकट का रुपये से कोई संबंध है?
आलोचकों का तर्क है कि बेरोजगारी (7.6% तक) और महंगाई (6.2%) ने घरेलू मांग को कमजोर किया, जिससे निर्यात प्रोत्साहन भी प्रभावित हुआ।
4. भविष्य की राह: क्या उपाय हो सकते हैं?
Q7. रुपये को स्थिर करने के लिए क्या किया जा सकता है?
- निर्यात प्रोत्साहन: इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाकर निर्यात बढ़ाना।
- तेल आयात पर निर्भरता घटाना: नवीकरणीय ऊर्जा और जैव ईंधन में निवेश को प्राथमिकता।
- विदेशी निवेश आकर्षित करना: कर रियायतें और नीतिगत स्थिरता से विदेशी पूंजी को आकर्षित करना।
Q8. क्या RBI की हस्तक्षेप रणनीति कारगर है?
विश्लेषकों का मानना है कि RBI का "असममित हस्तक्षेप" (तेज गिरावट रोकना, लेकिन धीरे-धीरे गिरने देना) सही रणनीति है। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है और विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षण होता है।
निष्कर्ष
रुपये की गिरावट एक जटिल मुद्दा है, जिसमें वैश्विक और घरेलू कारकों का सम्मिश्रण है। जहाँ सरकार मजबूत आर्थिक बुनियाद और RBI के प्रबंधन पर जोर देती है, वहीं विपक्ष नीतिगत खामियों की ओर इशारा करता है। भविष्य में, निर्यात-उन्मुख नीतियाँ, ऊर्जा स्वावलंबन और विदेशी निवेश को बढ़ावा देकर रुपये को स्थिर किया जा सकता है। जैसा कि वित्त मंत्री ने कहा, "रुपये की अस्थिरता केवल डॉलर के संदर्भ में है, और भारत की अर्थव्यवस्था इसे संभालने में सक्षम है"।
Post a Comment